Raksha Bandhan Fix Date: तो इस नई तिथि को मनाया जाएगा रक्षाबंधन, भद्रा रहेगी इसलिए यह रहेगा राखी बांधने का शुभ मुहूर्त.

Raksha Bandhan Fix Date: तो इस नई तिथि को मनाया जाएगा रक्षाबंधन, भद्रा रहेगी इसलिए यह रहेगा राखी बांधने का शुभ मुहूर्त. Raksha Bandhan Fix Date, Raksha Bandhan Fix Date kya hai?, रक्षाबंधन कब मनाया जाए? Raksha Bandhan Fix Date दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि रक्षाबंधन आ रहा है लेकिन सभी के मन में प्रश्न बना हुआ है कि आखिर रक्षा बंधन किस तिथि को मनाया जाए क्योंकि अलग-अलग भ्रांति और भ्रम की स्थिति बनी हुई है. सभी के मन में यही प्रश्न है कि Raksha Bandhan Fix Date क्या है और हमें किस दिन यह त्योहार मनाना चाहिए. तो मित्रों आपके इस भ्रम को दूर करने का प्रयास हमने यहां पर किया है तो हमारे आर्टिकल को कृपया पूरा पढियेगा और जानिएगा कि रक्षाबंधन का त्यौहार किस तारीख को मनाया जाए या फिर राखी कब बांधी जाए. तो देश में हिंदू पंचांग के अनुसार हर बार रक्षाबंधन मनाया जाता है. और रक्षाबंधन पर्व शुभ मुहूर्त पर ही मनाया जाता है यानी कि शुभ मुहूर्त पर ही बहने अपने भाई की कलाई में राखी बांधती हैं. इसके साथ ही बहने अपने भाई की लंबी उम्र और उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं वहीं दूसरी ओर भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं. 

Raksha Bandhan Fix Date
Raksha Bandhan Fix Date

Raksha Bandhan Fix Date रक्षाबंधन इस बार कब मनाया जाएगा?

Raksha Bandhan Fix Date. इस बार रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा? रक्षाबंधन के लिए फिक्स तिथि क्या है? रक्षाबंधन कुछ ही दिन में आने को है और सभी के मन में यही प्रश्न है कि रक्षाबंधन की फिक्स डेट क्या है या तो यूं कहीं की रक्षा बंधन कब मनाया जाएगा. तो मित्रों आप सभी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहां पर हम इस बात को स्पष्ट करने वाले हैं. Raksha Bandhan Fix Date.

वरिष्ठ ज्योतिष आचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार इस साल 2 दिन मनाया जाएगा. यहां से किस दिन से किस दिन तक रक्षाबंधन मनाया जाएगा, इस बात को अच्छे से समझे. इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त को सुबह 11:00 से लेकर गुरुवार 31 अगस्त 2023 को सुबह 7:05 तक रक्षाबंधन मनाया जा सकता है. तो जो लोग रात को राखी नहीं बांध सकते वह 31 अगस्त को सुबह 7:05 से पहले कभी भी राखी बांध सकते हैं क्योंकि इसी समय पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।

Raksha Bandhan Fix Date. यहां पर हम आपको बता दें की पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी. जो की रात्रि 9:00 बजे तक रहेगी. क्यूंकि शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने को निषेध कहा गया है. और इस दिन भद्रा का कालरात्रि 9: 02 बजे तक रहेगा. तो इस समय के बाद ही राखी बांधना सबसे उपयुक्त समय रहता है.

Raksha Bandhan Fix Date. पौराणिक मान्यता के अनुसार राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है. परन्तु यह दोपहर के समय भद्राकाल है तो फिर प्रदोष काल में राखी बांधना शुभ होता है।

Raksha Bandhan Fix Date.

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ – शाम 05:32 – शाम 06:32
रक्षाबंधन भद्रा मुख – शाम 06:32 – रात 08:11
रक्षाबंधन भद्रा का अंत समय – रात 09:02
राखी बांधने के लिए प्रदोष काल मुहूर्त – रात्रि 09:03 – मध्यरात्रि 12:28 तक

अति आवश्यकता में मुहूर्त:- बुधवार 30 अगस्त 2023 को भद्रा प्रारम्भ के पूर्व प्रात: 06:09 से प्रात: 09:27 तक और सायं 05:32 से सायं 06:32 तक भी राखी बांधी जा सकती है.

31 अगस्त शुरू हो जाएगा भाद्रपद मास (Bhadrapada 2023 Start)

ज्योतिषाचार्य के अनुसार 31 अगस्त की सुबह 7.04 बजे तक पूर्णिमा रहेगी. तब इसके बाद से भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा. अतः 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन और सावन पूर्णिमा से जुड़े धर्म-कर्म करना ज्यादा शुभ रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि 30 अगस्त को सुबह 10.59 के बाद पूरे दिन पूर्णिमा तिथि रहेगी.

रक्षाबंधन का महत्व Check

तो मित्रों यहां पर हम आपको दो कथाएं सुनाने जा रहे हैं इसके माध्यम से आपको पता चल जाएगा कि रक्षाबंधन कितना महत्वपूर्ण त्यौहार है.

भगवान विष्णु उनकी पत्नी की सच्ची कथा भी रक्षा बंधन पर आधारित है. तो कथा इस प्रकार है- असुरों का राजा बलि ने जब देवताओं पर हमला किया तो इंद्र की पत्नी सच्ची काफी परेशान हो गयी थी. और इस परेशानी का हल ढूढने के लिए वह इसके बाद भगवान विष्णु के पास गई थी. क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें इस परेशानी मे उनसे मदद जरूर मिलेगी. तभी उनकी सारी परेशानी जानने के बाद भगवान विष्णु ने सच्ची को एक धागा देते हुए कहा कि इसे अपने पति के कलाई पर बांध देना जिससे उसकी जीत होगी. तो भगवान विष्णु के कहने पर सच्ची ने ऐसा ही किया और इसमें भगवान इंद्र की जीत हुई.

वहीं एक और महाभारत काल से जुड़ी हुई कथा है. कथा इस प्रकार से है कि जब शिशुपाल के युद्ध के समय भगवान विष्णु की तर्जनी अंगुली कट गई थी. तभी द्रोपती ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर उनकी उंगली पर पट्टी बांध दिया था. और इसके बाद भगवान कृष्ण ने ही चीर हरण के समय द्रोपती की रक्षा की थी। वास्तव में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण त्यौहार है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top