Mustard Report: क्या पिछले साल की तरह 8000 रु का भाव सरसो में हो पायेगा, जानिए रिपोर्ट

Mustard Report: साल 2022 में सरसों की कीमतों में अच्छा इजाफा देखने को प्राप्त हुआ था। साल 2022 में सरसों की कीमत ₹8000 तक चली गई थी और इन दिनों सरसों की बिक्री 6900 में हो रही है। हालांकि अभी तक सरसों का रेट सुस्त ही दिखाई पड़ रहा है, जिसके पीछे कई कारण है। जैसे की सरसों की कम प्रोडक्शन, खाद्य तेल का अंधाधुंध आयात इत्यादि।

इस प्रकार से सरसों के तेल की डिमांड कम हो गई है और डिमांड कम होने से कीमत भी अच्छी नहीं मिल पा रही है। वहीं पाम और सोया तेल सरसों के तेल से कम कीमत मे मिलते हैं। इसलिए लोग दूसरे तेल को ज्यादा खरीद रहे हैं और उनका इंपोर्ट भी बराबर हो रहा है। फिलहाल त्योहारों के सीजन के चलते सरसों की कीमतों में हल्का सा उछाल आने की उम्मीद है।

मार्केट में सरसों तेल की कीमत

सरसों के तेल के मार्केट के दाम की बात करें तो उत्तर प्रदेश के औरैया में सरसों का रेट 1241 रुपए, नानपारा में 1430 रुपए, भरथना में 1260 रु , बहराइच 1440 रु , गाजियाबाद में सरसो आयल रेट 1250 रु , कटवा पश्चिमी बंगाल में सरसो आयल रेट 1320 रु , फतेहपुर में 1285 रु , कनौज में 1250 रु एटा में 1370 रु प्रतापगढ़ में 1310 रुपए का रेट चल रहा है।

सरसो मंडी बाजार भाव

सरसों के तेल की कीमत कल करीमपुर पश्चिमी बंगाल में 6000 रु , बुलंद शहर यूपी में 5500 रु , बरेली में 5460 रु , कायमगंज 5470 रु इटावा में 5460 रु , एटा ने 5520 रु , गोंडा में 5450 रु , महोबा में 5320 रु , जयपुर बस्सी में 5016 रु , गोलूवाला में 5161 रु , फतेहनगर में 5000 रु , बूंदी में 5325 रु , बांरा में 5325 रु , झुंझुनू में 4950 रु , झालरापाटन में 5171रु खानपुर में 5250 रु , डबवाली में 4500 रु , कालावाली में 4970 रू हापुड़ में 5460 रुपए में चल रहा है।

क्या दिवाली तक मिलेगा ₹8000 का रेट

सरसों के कंडीशन के बारे में बात की जाए तो इसकी कंडीशन मार्केट में अभी अच्छी नहीं है। इसके दाम कभी ऊपर हो रहे हैं तो कभी नीचे हो रहे हैं और दाम अधिकतर ₹5000 से लेकर के ₹6000 के बीच में ही चल रहे हैं। हालांकि जल्द ही देश में कई त्यौहार आने वाले हैं और दिवाली भी लगभग 1 महीने के पश्चात पड़ ही रही है।

ऐसे में उम्मीद है कि, सरसों की कीमतों में इजाफा हो सकता है, क्योंकि त्योहारों के मौसम में सरसों के तेल की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है। ऐसे में डिमांड ज्यादा होने से इसकी खपत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से कीमत बढ़ सकती है और आंकड़ा 6000 के ऊपर जा सकता है।

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